जैसा कि अबतक आप जान गये होंगे कि मैं जे.एन.यू के कोरियन सेंटर से कोरियन भाषा में बी.ए. कर रहा हूं। इस लेख में मैं आपको इस भाषा के बारे में थोडी और जानकारी देना चाहता हूं।
कोरियन दक्षिण और उत्तरी कोरिया दोनों देशों की राजभाषा है। यह दुनिया में लगभग ८ करोड लोगों के द्वारा बोली जाती है तथा विश्व मे सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं मे १३वें स्थान पर आती है। इसके वर्गीकरण को लेकर लैंग्युएज साइंटिस्ट्स में विवाद है। कुछ लोग इसे अल्टाइक फैमिली मे रख्ते हैं तो कुछ इसे लैंगुएज आइसोलेट मानते हैं। इसकी वाक्यसंरचना हिन्दी की तरह कर्ता+कर्म+क्रिया है। इस भाषा कि लिपि “हंगल” है जिसका आविष्कार १४४९ ई. में किंग सेजोंग के द्वारा किया गया था। इसके पहले कोरिया मे चीनी भाषा बोली जाती थी। हंगल की खोज ने कोरिया मे साक्षरता को बढाने मे बहुत योगदान दिया है क्योंकि यह चीनी भाषा कि तुलना मे अत्यंत सरल है। इसे दुनिया कि सबसे साइंटिफिक लेखन पद्धतियों मे से एक माना जाता है। हंगल में कुल २४ अक्षर है जिनमें से १० स्वर और १४ व्यंजन है.
कोरियन पर आज भी चीनी भाषा का प्रभाव साफ़ दिखाई पडता है। कोरियन के तकरीबन ६०% शब्द चीनी उत्पत्ति के हैं जिन्हे कोरिया मे “हान्जा” कहा जाता है। खासकर पारंपरिक लेखन में आज भी मुख्यतः चाइनीज़ कैरेक्टर्स का इस्तेमाल किया जाता है। अखबारों तथा साहित्यिक रचनाओं में भी “हान्जा” का प्रयोग प्रचलित है। अतः कुछ महत्वपूर्ण चाइनीज़ कैरेक्टर्स को जाने बिना कोरियन भाषा मे दक्षता हासिल नहीं की जा सकती।
किसने गरियाया किसने सराहा