पर प्राचीन काल के विशाल साम्राज्यों का गढ़ रहा यह प्रदेश वर्तमान में देश की अर्थव्यवस्था के सबसे पिछड़े राज्यों में से एक गिना जाता है । यहां की साक्षरता दर मात्र ४७% है। आज बिहार के लोग काम की तलाश में न सिर्फ़ दूसरे राज्यों में जाने को विवश हैं बल्कि वहां नस्लवादी भेदभाव के भी शिकार हो रहे हैं।
बिहार का ऐतिहासिक नाम मगध है । बिहार की राजधानी पटना का ऐतिहासिक नाम पाटलिपुत्र है । प्राचीन काल में मगध का साम्राज्य देश के सबसे शक्तिशाली साम्राज्यों में से एक था । यहां से मौर्य वंश, गुप्त वंश तथा अन्य कई राजवंशो ने देश के अधिकतर हिस्सों पर राज किया । मौर्य वंश के शासक सम्राट अशोक का साम्राज्य पश्चिम में अफ़ग़ानिस्तान तक फैला हुआ था । मौर्य वंश का शासन 325 ईस्वी पूर्व से 185 ईस्वी पूर्व तक रहा । छठी और पांचवीं सदी इसापूर्व में यहां बौद्ध तथा जैन धर्मों का उद्भव हुआ । अशोक ने, बौद्ध धर्म के प्रचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उसने अपने पुत्र महेन्द्र को बौद्ध धर्म के प्रसार के लिए श्रीलंका भेजा । उसने उसे पाटलिपुत्र (वर्तमान पटना) के एक घाट से विदा किया जिसे महेन्द्र के नाम पर में अब भी महेन्द्रू घाट कहते हैं । बाद में बौद्ध धर्म चीन तथा उसके रास्ते जापान तक पहुंच गया ।
मध्यकाल में बारहवीं सदी में बख्तियार खिलजी ने बिहार पर आधिपत्य जमा लिया। उसके बाद मगध देश की प्रशासनिक राजधानी नहीं रहा। जब शेरशाह सूरी ने, सोलहवीं सदी में दिल्ली के मुगल बाहशाह हुमांयु को हराकर दिल्ली की सत्ता पर कब्जा किया तब बिहार का नाम पुनः प्रकाश में आया पर यह अधिक दिनों तक नहीं रह सका। अकबर ने बिहार पर कब्जा करके बिहार का बंगाल में विलय कर दिया। इसके बाद बिहार की सत्ता की बागडोर बंगाल के नवाबों के हाथ में चली गई।
1857 के प्रथम सिपाही विद्रोह में बिहार के बाबू कुंवर सिंह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । 1912 में बंगाल विभाजन के फलस्वरूप बिहार नाम का राज्य अस्तित्व में आया । 1935 में उड़ीसा इससे अलग कर दिया गया । स्वतंत्रता संग्राम के दौरान बिहार के चंपारण के विद्रोह को, अंग्रेजों के खिलाफ बग़ावत फैलाने में अग्रगण्य घटनाओं में से एक गिना जाता है । स्वतंत्रता के बाद बिहार का एक और विभाजन हुआ और सन् 2000 में झारखंड राज्य इससे अलग कर दिया गया । भारत छोड़ो आंदोलन में भी बिहार की गहन भूमिका रही।
भौगोलिक स्थिति
यह क्षेत्र गंगा तथा उसकी सहायक नदियों के मैदानों में बसा है । झारखंड के अलग हो जाने के बाद बिहार की भूमि मुख्यतः नदियों के मैदान एवं कृषियोग्य समतल भूभाग है । बिहार गंगा के पूर्वी मैदान मे स्थित है। गंगा नदी राज्य के लगभग बीचों बीच होकर बहती है । उत्तरी बिहार बागमती,कोशी, गंडक, सोन और उनकी सहायक नदियों का समतल मैदान है ।
राज्य का औसत तापमान गृष्म ऋतु में 35-45 डिग्री सेल्सियस तथा जाड़े में 5-15 डिग्री सेल्सियस रहता है । जाड़े का मौसम नवंबर से मध्य फरवरी तक रहता है । अप्रैल में गृष्म ऋतु आरंभ हो जाती है जो जुलाई के मध्य तक चलती है । जुलाई–अगस्त में वर्षा ऋतु का आगमन होता है जिसका अवसान अक्टूबर में होने के साथ ही ऋतु चक्र पूरा हो जाता है ।
उत्तर में भूमि प्रायः सर्वत्र उपजाऊ एवं कृषियोग्य है । धान, गेंहू, दलहन, मक्का, तिलहन,तम्बाकू,सब्जी तथा कुछ फलों की खेती की जाती है । हाजीपुर का केला एवं मुजफ्फरपुर की लीची बहुत प्रसिद्ध है|
संस्कृति
बिहार की संस्कृति मैथिली, मगही, भोजपुरी,बज्जिका, तथा अंग संस्कृतियों का मिश्रण है । नगरों तथा गांवों की संस्कृति में अधिक फर्क नहीं है । नगरों के लोग भी पारंपरिक रीति रिवाजों का पालन करते है । प्रमुख पर्वों में महाशिवरात्री,नागपंचमी,दशहरा, दिवाली,छठ, श्री पंचमी,होली, मुहर्रम, ईद तथा क्रिसमस हैं । सिक्खों के दसवें गुरु गोबिन्द सिंह जी का जन्म स्थान होने के कारण पटना में उनकी जयन्ती पर भी भारी श्रद्धार्पण देखने को मिलता है ।
बिहार के जिले
यहां कुल ९ कमिश्नरियां हैं जिनमें कुल ३८ जिले हैं :-
मगध अरवल जिला, औरंगाबाद जिला, गया जिला, जहानाबाद जिला, नवादा जिला
पटना भोजपुर जिला, बक्सर जिला, नालंदा जिला, पटना जिला, भभुआ जिला, सासाराम जिला
तिरहुत पूर्वी चंपारण जिला, पश्चिम चंपारण जिला, शिवहर जिला, मुजफ्फरपुर जिला, सीतामढी जिला, वैशाली जिला
सारण छपरा जिला, गोपालगंज जिला, सीवान जिला
दरभंगा बेगूसराय जिला, दरभंगा जिला, मधुबनी जिला, समस्तीपुर जिला
कोसी मधेपुरा जिला, सहरसा जिला, सुपौल जिला
पूर्णिया अररिया जिला, कटिहार जिला, किशनगंज जिला
पूर्णियां जिला
भागलपुर बाँका जिला, भागलपुर जिला
मुंगेर जमुई जिला, खगड़िया जिला, मुंगेर जिला, लखीसराय जिला,
शेखपुरा जिला
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किसने गरियाया किसने सराहा